ओम श्री साईं नाथाय नमः!
जब भी अपने भक्त विपदा में पड़रहे है, तब साई तुरंत वह भक्त के सामने प्रकट हो जाते है !

ऐसा मेरे साथ भी साई ने अपना जो महिमा की है, वह आप सब केलिए साई की कृपा से यहाँ प्रस्तुत कर रही हूँ !यह बहुत लम्भा और साई की अद्भुत महिमा सुचित करने वाला घटना है !इस घटना के पल पल में, मुझे हर संकट से बाबा ने किसतरह बचाया है आप सब को समझ में आने केलिए हर पल का detail बता रही हु, इसलिए आपसे क्षमा मांगती हु !यह पूरा पढ़ने पर आप जानेंगे की आनेवाला संकट पहले ही बाबा ने मेरा स्वप्न में जो सूचित किया और स्वप्न के अनुसार मेरी रक्षा भी की है !
कुछ साल पहले की बात है, साई के सन्देशोंका सतसंग विविध स्थलोंमे, मंदिरोंमें करते हुए सब को साई के मार्ग पर लाने की सतत प्रयत्न करनेवाले हमारे गुरूजी श्री अम्मुला साम्बशिवा राव जी का एक सतसंग सुन ने के वास्ते आँध्रप्रदेश के एक गांव को जाने केलिए मै तैयारी कर चुकी थी! वहाँ रवाण होने के कुछ दिन पहले मुझे एक स्वपन आया ! —” मै अपना सूटकेस लेकर एक मंदिर से बहार आरही थी, मंदिर के बहार हमारा गुरूजी भक्तोंके लिए खाना पकाराहे थे !मै उनसे कही की “मै निकल रही हु गुरूजी”!, अगले ही क्षण में गुरूजी मुझे हुवा में लेके , वायु वेग से एक रेलवे स्टेशन के पास छोड़ते हुए कहाँ की, “अब तक मै तुम्हे सुरक्षित यहाँ तक लाया हूं, आगे तुम्हारी रक्षा तुम खुद करना होगा “! —यहाँ, मेरा स्वपन खतम होगया ! सुबह उठने के बाद मुझे पूरा स्वपन स्पष्ट याद था, बाद में स्वपन के बारे में बिलकुल भूल गयी थी !
मेरा travelling का दिन आगया, मै रात को हैदराबाद से ट्रैन पकड़कर सुबह वहाँ सुरक्षित पहुँची !वहाँ सतसंग, और सभी साई कार्यक्रम में आनंद और भक्ति से भाग लेते हुए तीन दिन बिताई हमारे गुरूजी के आश्रम में ! तीसरा दिन night की hyd ट्रैन 8.30pm को पकड़ने केलिए उस गाँव से लगभग 30km दूरी में एक टाउन को जाना पड़ता है! मै मेरा suitcase लेकर मंदिर के बाहर आयी !वहाँ, महिमान्वित 100feet के साई स्तूप पर विराजमान साई से,भक्ति पूर्वक “बाबा, मै जारही हु ” कहकर टाउन को जानेकेलिए bus stop पर खड़ी हु! गाँव होने के कारण , वहाँ मेरे सिवा कोई नहीं थे,मन में भय शुरू हुा तो बाबा का नाम लेते बस का waiting कर रही थी ! इतने में, वहाँ, मंदिर में रहनेवाले वॉचमन और उसकी पत्नी वहाँ पहुंचते देख मुझे आश्चर्य के साथ आनंद हुा , ! पूछी तो पता चला की unexpectedly उन्हें किसी गाँव को जाना पड़ा ! इसलिए वे अपना गाँव जाने केलिए वहाँ आये ! बस अनेके बाद हम तीनो ने बस चढ़े !मुझे वह तीन दिन नींद अच्छा नहीं मिलने के कारण थक चुकी हुयी थी, वे ही बस चढ़ते और उतरते वक्त मेरा suitcase पकड़े! और अचानक, एक stage पर एक पीया सो आदमी बस चढ़कर सीदा मेरे सीट के पास रेंगथे हुए आकर मेरे पास बैटने का कोशिश कर रहा था, यह सब देखते हुए मै चौंक बैटी तो,मेरे साथ आये हुए वो दोनों ने ही उस आदमी को रोक कर भगा दिये! और town आनेकेबाद वे conducter से request करके, मेरे लिए सीदा रेलवे स्टेशन के पास बस को रुकवाकर, मेरे suitcase पकड़ते हुए मेरे साथ बस से उतरकर, स्टेशन के अंदर मै जाते थक रुक कर फिर बस चढ़ कर चलेगये !

फिर मै स्टेशन के अंदर जाकर सोच रही थी की ट्रैन वहाँ रहे 2platforms में किस platform पर आएगा ? वहाँ यह बात पूछनेकेलिए कोई काउंटर नहीं था ! मै सोची, “आते वक्त पहले platform पर ट्रैन रूखी थी, अब दुसरे platform पर ट्रैन आती होगी,” ऐसा सोचके मै वहाँ जाने केलिए आगे बढ़ नेकेलिए कदम रखी ही थी , “”एक व्यक्ति मेरे सामने से मेरी तरफ, मुझे देखते हुए आता नज़र आया, वे पगड़ी (turban ),shirt और घुट्नोंतक धोती पहने हुए थे !वे लगभग 60years के थे !उनके आँख बहुत तेज थे !अचानक वह आदमी वहाँ कैसा मेरे सामने just 7feet दूरी में कैसा प्रकट हुए यह सोच कर मै आश्चर्य में ही थी, वे मेरे सामने आही गये, उनके आँख ऐसा है की वे आँख मुझे पूछ रहे है “कहाँ जानेकेलिए आगे बड़री हो ?” तो मैने उनसे पूछी की hyd का ट्रैन इस दुसरे platform पर आएगा क्या ?”तो उन्होंने कहा, “नहीं, वह दुसरे platform पर काम चलरहा है, वह बंद है, hyd का ट्रैन वो पहले platform पर ही आएगा “! तो मै वह pehle platform को जानेकेलिए footover के step चढ़ने केलिए मुड़ी हु,तभी मुझ पर, कोई मंत्र किये जैसा मै qरूक गयी,मेरा सूटकेस अचानक बहुत वजन लगरही और मै हिल नहीं पारी,मेरे आँखोंके सामने अँधेरा दिखरहा था, इतने में मेरे पीछे से उनका आवाज़ आयी, “क्या हुआ माँ ?”, ओ आवाज़ इतना प्यारा है की अभी भी मुझे ओ आवाज़ याद है, 🙏! मै बोली, “suitcase बहुत वजन होरहा है !”, तो वे बोले,” मै suitcase लेके आता हु! ” बोलके मेरे हाथोंसे वह suitcase उन्होंने जब लिया, तब उनके पावन हथेली के स्पर्श से मै साधारण स्थिति को आगयी ! वे आगे जा रहे थे, उनके पीछे मै !तब उनके शरीर को देखे तो पूरा साई की जैसा लगरहा था! थोड़ा झुका हुआ, साई की जैसे कंधे, उनका मुँह पूरा बाबा का जैसा ही था, आँखे तेज और आकार साई के आँख जैसे ही थे! वे suitcase ऐसा पकड़ के जारहे थे, जैसा वह खाली suitcase पकड़े है !उनके पीछे मै चलते वक्त वातावरण में एक गंभीर, अलग सा feeling होरा था ! हम फुटओवर से, पहले platform पर उतर नेके बाद, उन्होंने एक बेंच पर बैठे पति और पत्नी के पास मेरा सूटकेस रख कर चलेजाने केलिए मुड़े, मै उन्हें देनेकेलिए पैसोंकेलिए hand bag में डुंडी तो चेंज नही था ! तो मै बोली “अय्यो चेंज नहीं है “, तब उन्होंने हाथ से आशीर्वाद देने का संकेत देते हुए चलगये, मैने सिर्फ 4सेकंड मेरा सूटकेस सम्हाल कर फिर देखे तो, वे गायब थे !
उनका रूप साई के इस आकार से मिलती है

Platform पर भी वे पति पत्नी के अलावा कोई नहीं थे !मै उनके पास ही बैटी थी, बाद में वह पति अपने पत्नी को लेके बेंच से कुछ दूर कुछ काम से गये, तभी सामने के platform से एक दुष्ट दारू पीया सो यक्ति मेरे बेंच से थोड़ी दूर आके, मेरी तरफ कुछ तो गन्दा sign कर रहा था, मै भय से उन लोगोंको पुकारी जो मेरे साथ थे, तब वह rogue वहाँ से भाग कर दुसरे platform पर गया , वहाँ लगभग 20 पीये सो दुष्ट व्यक्ति दारू पीतेहुए मुझे नज़र आये ! तब मुझे पता चला की, मुझे वह दुसरे प्लेटफार्म पर जाने से रोकने केलिए साई मेरे सामने प्रकट हुए 🙏, और मुझे संकट से बचाया !मै उस गाँव से निकलने से लेकर hyd के ट्रैन चढ़ने तक, हर पल मेरा साथ खड़ा है साईनाथ 🙏!!! बसमें मेरे साथ आये हुए वे पति पत्नी के रूप में, और स्टेशन में जो पति पत्नी मेरे साथ दिये वे भी बाबा के रूप ही ही थे 🙏!!
फिर ट्रैन आने के बाद ट्रैन से सुरक्षित मेरा गाँव लौटी हु ! बाबा का दर्शन मै कभी भी नही भूल सकती ! इस अनुपम साई लीला साई रक्षा की महानता को, भक्त वात्साल्य को दर्शाती है!
जय साईनाथ !!🙏🙏🙏
Wow
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